Thursday 11 August 2011

सच

क्या बात है जो आप नज़र नहीं आते
सिर्फ ख्वाबों में ही मुझे सताते
बड़े बहादुर बनते थे जब मिलते थे
सच सुनने के बाद नज़रें भी नहीं मिलाते


मंसूर